23 July से हो सकती है TikTok वापसी? जाने कैसे...



जैसा कि आप सब जानते हैं कि सरकार ने पिछले ही महीने 29 जून को 59 एप्स पर बैन लगा दिया था। बैन किए गए इन एप्स में टिक टॉक, शेयर इट जैसे कई मशहूर एप्स थे। जिनके इंडिया में करोड़ों यूजर्स थे। आपको बता दें कि जब से यह एप्स पर हुए हैं तब से यूजर्स काफी ज्यादा परेशान हो रहे हैं। क्योंकि एप्स पर लोगों के डाटा और काफी फॉलोअर्स भी मौजूद थे। और साथ में एक और सवाल जो लोगों को परेशान कर रहा है कि क्या यह एप्स हमेशा के लिए बंद हो जाएंगे या फिर वापस भी आ सकते हैं। 


आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जो लोग इन एप्स को वापिस आने की उम्मीद लगाए बैठे थे उनके लिए एक छोटी सी उम्मीद की किरण नजर आई है। लेकिन उसके साथ कुछ स्ट्रीट कंडीशंस भी सरकार द्वारा लगाए जा रहे हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि वह कौन से स्टेट कंडीशन है जिससे कंपनियों और एप्स द्वारा फुलफिल करने के बाद शायद एप्स कि भारत में वापसी हो सकती है। 

जब इन सभी 59 Apps पर बैन लगाया गया था तब सरकार का कहना था कि इस एप्स के जरिए यूजर्स के डाटा को चुराया जाता है और उसे देश के बाहर दूसरे संघर्ष करते हैं। उस आर्डर में सरकार ने यह भी कहा था कि स्मार्टफोन यूजर का डाटा चलाना और उसे देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक है। इन सभी कारणों की वजह से इन एप्स पर बैन लगा था। 

लेकिन अब खुशखबरी की बड़ी बात यह है कि अब सरकार इन सभी चाइनीस एप्स को अपनी बात रखने का एक अवसर दे रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने चाइनीस ऐप को 79 सवालों की एक लिस्ट भेजी है। जिन पर इन सभी कंपनियों से जवाब मांगा गया है। और इन सभी कंपनियों को अपने जवाब के अंदर एप्स सिर्फ साबित ही नहीं करना है बल्कि सरकार को मनाना भी होगा कि इंडिया में काम करते वक्त किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया है और सरकार ने अपनी बात रखने के लिए 22 जुलाई तक का टाइम दिया है। अगर यह 22 जुलाई तक अपना जवाब नहीं देते हैं तो या फिर सरकार को नहीं मना पाते हैं तो आए इस रिपोर्ट के अनुसार इन एप्स को परमानेंट के लिए बैन कर दिया जाएगा। 

यानी आप यह कह सकते हैं कि यह सभी ऐप्स के लिए एक छोटी सी किरण या उम्मीद लेकर आई है। आगे बात करते हैं उस 79 सवालों में से अधिकतर सवाल क्या हो सकते हैं। 

कंपनी पर यह आरोप है कि यह यूजेस का डाटा चुराते हैं। सबसे बड़ा सवाल होगा। और इन एप्स को सरकार को बताना होगा कि वह सभी यूजर्स के डेटा का क्या करते हैं और उसे कहां पर करते हैं, और किस सर्वर पर स्टोर करते हैं। सालों में यह भी हो सकता है कि एप्स के ओरिजी और पेरेंट कंपनी के बारे में ही सवाल पूछे गए होंगे। आई रिपोर्ट के मुताबिक इन एप्स से यह भी पूछा गया है कि इनकी फंडिंग कैसे होती है और बेटा को सपोर्ट करने के लिए यह किन सर्वोच्च का इस्तेमाल करते हैं और यह जो भी जवाब देते हैं इनको एक समिति के पास भेजना होगा उसके बाद सरकार इन सब पर अपना डिसीजन लेगी कि आगे क्या करना है। हालांकि यह सभी चाइनीस एप्स यह कहते आए हैं कि उन पर डाटा चुराने के लग रहे इल्जाम बेबुनियाद है।





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